रोग निर्देश- यह पेट के रोगों के अलावा ग्रंथि, ग्लैंड और गण्डमाला के लिए असरदार दवा है. इसके सेवन से अतिसार या दस्त, संग्रहणी, भूख नहीं लगना, अरुचि, पेट में गोला बनना, लिवर-स्प्लीन का बढ़ना, टी.बी. वाली गिल्टी या ग्रंथि, गण्डमाला की ग्रंथि जैसे रोग दूर होते हैं.
लोकनाथ रस की मात्रा और सेवन विधि – 500mg से 750mg तक सुबह-शाम शहद से या फिर रोगानुसार उचित अनुपान से देना चाहिए.
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