Composition- Shudh Mukta & Gulab Jal
मोती जिसे अंग्रेज़ी में पर्ल के नाम से जाना जाता है उसी से इसकी भस्म और पिष्टी बनायी जाती है. मोती भस्म में मोती पिष्टी ज़्यादा सौम्य होती है. यह तासीर में ठण्डी होती है. पित्त दोष, पित्त वृद्धि और पित्त विकारों के लिए यह आयुर्वेद की सबसे बेस्ट दवा है. यह बेहतरीन क्वालिटी के नेचुरल कैल्शियम से भरपूर होती है.
यह पित्त विकार, एसिडिटी, बॉडी की गर्मी, जलन, सर दर्द, दिमाग की कमज़ोरी, आँख की बीमारी, टी. बी., वीर्य विकार, कमज़ोरी, खाँसी-अस्थमा और पुरानी बुख़ार जैसी कई तरह की बीमारियों में असरदार है.
मोती पिष्टी/भस्म की मात्रा और सेवन विधि – 125mg से 250mg तक शहद, मक्खन, मलाई, गुलकन्द, आँवला मुरब्बा या फिर रोगानुसार अनुपान से.
Packing- 1 gram
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