पुंसवन कैप्सूल
Composition- Shivlingi beej, Palash Beej, Jiyapota, Muktapishtee
रोग निर्देश- यह कैप्सूल आयुर्वेद के पुंसवन संस्कार पर आधारित है. यह गर्भ में शिशु का सम्यक पोषण करने में सहायक है.
मात्रा और अनुपान- गर्भ का पता लगते ही पुंसवन कैप्सूल एक-एक सुबह-शाम गाय के दूध से तीन माह तक सेवन कराएँ. इसके बाद पूरी गर्भावस्था में ‘प्रेग्नीकेयर कैप्सूल’ का सेवन करना चाहिए
विशेष- गर्भिणी(Pregnant Woman) को सुपाच्य आहार सेवन कराना चाहिए. तली, खट्टी, अधिक मिर्च मसाले युक्त पदार्थों का सेवन नहीं कराना चाहिए.
Packing- 60 Capsule
पुंसवन कैप्सूल के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल(FAQ)-
इसके कोई साइड इफ़ेक्ट या दुष्प्रभाव भी हैं?
बिल्कुल नहीं, यह पूरी तरह से सुरक्षित आयुर्वेदिक औषधि है जो आयुर्वेद के प्राचीन गुप्त सिद्ध योगों पर आधारित है. इसके सेवन से किसी भी तरह का कोई साइड इफ़ेक्ट या नुकसान नहीं होता है. यह गर्भ में पल रहे शिशु को उचित पोषण भी देता है.
इसका सेवन कितने दिनों तक करना चाहिए?
गर्भवती महिला हो इसका सेवन गर्भ का पता चलते ही करना चाहिय और पुरे तीन महीने तक इसका सेवन करना चाहिए गाय के दूध से. अगर संभव हो तो बछड़े वाली गाय के दूध से सेवन करने से शत प्रतिशत परिणाम मिलता है.
अगर कैप्सूल खाने के बाद किसी दिन तुरंत उल्टी हो जाये तो क्या करना चाहिए?
अगर कैप्सूल खाने के बाद उल्टी हो जाये और दवा बाहर आ जाये तो फिर एक कैप्सूल खा लेना चाहिए. पूर्ण लाभ के लिए कैप्सूल पचना आवश्यक है.
क्या इस कैप्सूल को पहले से मंगाकर रख सकते हैं? ताकि गर्भ का पता लगते ही तत्काल इसका सेवन किया जा सके?
हाँ, इसे आप पहले से मंगाकर रख रकते हैं, यह दो साल तक ख़राब नहीं होता है. पुरे तीन महीने का कोर्स मंगाकर रखना चाहिए ताकि किसी दिन भी गैप न हो.
विशेष- इसका सेवन करते हुए स्वर्णयुक्त स्पेशल औषधि ‘पुंसवन योग’ का प्रयोग करने से पुत्र प्राप्ति की सम्भावना प्रबल हो जाती है.
Arya gupta –
100% right…m ise khayi.. mujhe ladka hua december me.
admin (store manager) –
रिजल्ट बताने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद्
Puneet kumar –
We got baby boy with this Mediciens thanks sir for giving this medicine 💐🙏🙏🙏 this Medicien is really working for getting baby boy .