रजत भस्म(रौप्य भस्म, चाँदी भस्म)
चाँदी एक प्रचलित धातु है, उसी से इसकी भस्म बनाई जाती है. आयुर्वेदानुसार यह तासीर में ठण्डा, पित्त विकार, वात और कफ़ दोष नाशक है. यह बल वीर्य बढ़ाता है, एसिडिटी, सुखी खाँसी और दिल-दिमाग की कमज़ोरी में असरदार है.
चाँदी भस्म की मात्रा और सेवन विधि – 125mg से 250mg तक शहद, मक्खन-मलाई या रोगानुसार उचित अनुपान से.
Packing- 1 gram
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