आयुर्वेद की सबसे पॉपुलर दवाओं में से एक है. यह नेचुरल विटामिन सी से भरपूर होता है. एन्टी एजिंग और एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है. इसके सेवन से पुरानी खाँसी, अस्थमा, टी.बी. और फेफड़ों की बीमारियाँ दूर होती हैं. यह रसायन गुणों से भरपूर है और दिल, दिमाग को ताक़त देता है शक्ति और पौरुष बढ़ाता है. महर्षि च्यवन बुढ़ापे में इसका सेवन कर जवान हो गए थे और उन्ही के नाम पर इसे च्यवनप्राश कहा जाता है. यह बल वीर्य और मेमोरी पॉवर को बढ़ाता है, स्वप्नदोष दूर करता है. रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्युनिटी पॉवर को बढ़ाकर कर बीमारियों से बचाता है. इसे हर मौसम में प्रयोग करना चाहिए, जानकारी की कमी से कुछ लोग समझते हैं कि इसे सिर्फ़ ठण्ड के मौसम में ही इस्तेमाल करना चाहिए. च्यवनप्राश का सही लाभ तभी मिलता है जब इसे शास्त्रोक्त विधि से असली जड़ी-बूटियों से बनाया जाये.
स्पेशल च्यवनप्राश की मात्रा और सेवन विधि – एक से दो स्पून तक सुबह-शाम दूध के साथ लेना चाहिए. इसे बच्चे, बड़े, बूढ़े सभी लोग आयु के अनुसार इसका डोज़ ले सकते हैं.
Packing- 250gram



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