ताप्यादि लौह
यह आयुर्वेद की पॉपुलर दवाओं में से एक है. लिवर की बीमारियों के लिए यह बेस्ट है. इसके सेवन से पांडु, कामला या जौंडिस, हेपेटाइटिस, लिवर सिरोसिस, लिवर की ख़राबी, खून की कमी, सुजन, मलेरिया बुखार, पीरियड की प्रॉब्लम, धनुर्वात और मलेरिया के बाद की कमज़ोरी दूर होती है. यह खून बढ़ाता है, चुस्ती फुर्ती लाता है और कब्ज़ नहीं होने देता. किसी भी वजह से शरीर में होने वाली खून की कमी को दूर करने में यह बेहद असरदार है. ताप्यादि लौह साधारण के भी इसी तरह के फ़ायदे होते है पर इस गुण में थोड़ा कम होता है क्यूंकि उसमे रौप्य भस्म नहीं होता.
ताप्यादि लौह की मात्रा और सेवन विधि – 375mg सुबह-शाम शहद या फिर रोगानुसार अनुपान से देना चाहिए.
Packing- 10 gram




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