Composition- Malkangni, Akarkara, Asgandh, Jayphal, Laung, Kuth, Dalchini, Kuchla, Til tail
उपयोग एवम प्रयोग विधि – इसे शिश्न के मणिभाग(ग्लांस पेनिस) को छोड़कर लिंग पर सम्भोग से 10 मिनट पहले मालिश करने से लिंग का ढीलापन, शीघ्रपतन आदि विकार दूर होते हैं और समागम में पूर्ण आनंद की प्राप्ति होती है. स्थायी लाभ के लिए कुछ दिनों तक नियमित रूप से इसकी मालिश करनी चाहिए.
अविवाहित पुरुषों को रोज़ एक बार सोने से पहले इस तेल की मालिश करनी चाहिए. यह लिंग का छोटापन, ढीलापन दूर कर साइज़ को भी इम्प्रूव करने में मदद करता है. छोटे साइज़ वाले युवकों को इसकी मालिश अवश्य करनी चाहिए, धैर्यपूर्वक प्रयोग करते रहने से लाभ होता है.
Packing- 25 ML
इसे भी जानिए –
रसेन्द्र चूड़ामणि रस – लम्बी पारी खेलें, तीन घंटे तक सम्भोग कराने वाली बेजोड़ औषधि
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