रोग निर्देश- आयुर्वेदानुसार गोदन्ती भस्म पित्त वाले ज्वर, आम ज्वर, जीर्ण ज्वर या पुरानी बुखार, मलेरिया, सर दर्द, सर्दी-जुकाम, सुखी खाँसी और महिलाओं की ब्लीडिंग में असरदार है. पर ध्यान रहे इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हैं, ज़्यादा डोज़ होने से यह लिवर को नुकसान पहुंचाती है.
गोदन्ती भस्म की मात्रा और सेवन विधि – 500mg से 1 ग्राम तक रोज़ दो-तीन बार तक शहद से या फिर रोगानुसार सही अनुपान से देना चाहिए.
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