Composition- Gulbanafsha, Gaozaban, Lisodha, Mulethi, Khatmi & Trikuta
रोग निर्देश- जीर्णप्रतिश्याय हर वटी का सेवन करने से समस्त पारकर के नवीन या जीर्ण प्रतिश्याय(सर्दी-जुकाम, नज़ला इत्यादि) नष्ट होते हैं. इसके अतिरिक्त यह खाँसी, श्वास को भी शीघ्र नष्ट करती है और कफ़ को पतला करके निकाल देती है जिस से फेफड़े एवम श्वास नलिका साफ़ हो जाती है. यह सर्दी-जुकाम के कारन होने वाले सर दर्द में भी उपयोगी है.
मात्रा और अनुपान- एक से दो गोली रोज़ दो-तीन बार तक गर्म पानी से
Packing- 100 gram
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