मुख्य घटक द्रव्य – रसराज रस, वृहत वात चिंतामणि रस, वृहत वातगजान्कुश रस, अग्नितुंडी वटी, असगंध
गुण एवम प्रयोग – इसके सेवन से समस्त वात रोगों में अवश्य लाभ होता है जैसे – गठिया, हाथ-पैर की सुजन, कमर दर्द, साइटिका, पक्षाघात, अपतंत्रक, आक्षेपक, सर में चक्कर आना इत्यादि.
मात्रा और प्रयोग विधि – एक-एक कैप्सूल सुबह-शाम दूध या महारास्नादि क्वाथ से.
Packing- 60 Capsule
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