वृहत वातचिंतामणि रस
वात रोगों के लिए यह आयुर्वेद की बेजोड़ और प्रसिद्ध औषधि है जो सोना, चाँदी और मोती जैसी कीमती चीज़ों से बनी होती है. लकवा, पक्षाघात, आमवात, साइटिका, एकांगवात, अर्धांगवात, कटीवात या कमर दर्द जैसे हर तरह के वात रोगों में बेजोड़ है. यह वात और पित्त रोगों को भी जड़ से दूर करती है और दिल दिमाग को ताक़त देती है.
वृहत वातचिंतामणि रस की मात्रा और सेवन विधि – एक-एक गोली रोज़ 3-4 बार तक शहद या रोगानुसार उचित अनुपान से देना चाहिए.
Packing- 5 gram
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