कृमिकुठार रस
कृमि या पेट के कीड़ों की यह जानी-मानी दवा है. आयुर्वेद में 20 तरह के कीड़ों के बारे में बताया गया है. कृमिकुठार रस उन सभी को नष्ट कर देता है. इसे कम से कम 11 से 21 दिनों तक लगातार प्रयोग कराने से कृमिरोग से मुक्ति मिल जाती है. इसका इस्तेमाल करने से पहले एरण्ड तेल जैसी हल्की विरेचक औषधि लेनी चाहिए और इस्तेमाल के दौरान पंचसकार चूर्ण जैसी दवा लें ताकि पेट साफ़ हो और मरे कीड़े निकल जाएँ.
कृमिकुठार रस की मात्रा और सेवन विधि – 250mg से 675mg तक शहद या पानी से देना चाहिए. भोजन के बाद विडंगारिष्ट भी 2 स्पून लेना चाहिए.
Packing- 50gm
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