Composition- Karpur kachri, Saunf, Mulhathi, Anvla, Dhaniya, Swet chandan, Ela(laghu), Sarjikakshar
रोग निर्देश- यह चूर्ण अम्लपित्त तथा उसके लक्षणों यथा छाती में आमाशय में जलन, खट्टी डकारें आना, उल्टी, अरुचि, अमाशय शोथ, आमाशय व्रण(Peptic Ulcer) आदि में विशेष उपयोगी है. एसिडिटी में किसी भी आधुनिक Antacid से अच्छा और स्थाई लाभ देता है.
मात्रा और अनुपान- दो से तीन ग्राम तक ताज़े पानी से रोज़ दो-तीन बार तक या आवश्यकतानुसार लेना चाहिय.
परहेज़- चाय, कॉफ़ी, मिर्च, मसाले, खटाई, आलू, अचार, शराब एवम पित्तवर्धक आहार-विहार का त्याग करना चाहिए.
Packing-100 gram
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