स्किन डिजीज और रक्तविकारों की यह आयुर्वेद की प्रसिद्ध औषधि है. इसके सेवन से वातरक्त या गठिया, रक्तविकार, खाज-खुजली, एक्जिमा, सोरायसिस और कुष्ठव्याधि जैसे रोग दूर होते हैं. हर तरह के वातरक्त के लिए तो यह वरदान है.
कैशोर गुग्गुल की मात्रा और सेवन विधि – दो से चार गोली तक सुबह-शाम गर्म पानी, महामंजिष्ठा क्वाथ, अर्क गोरखमुण्डी या किसी रक्तशोधक औषधि के साथ देना चाहिए.
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